- गर्रा टोला में बीते 20 साल से मां नर्मदा तट स्थित आश्रम में रह रहे थे संत कमलनाथ उर्फ कमलानंद, आश्रम कक्ष में मिले खून के निशान
- कुछ दिन पहले स्थानीय ग्रामीणों और संत के बीच आश्रम क्षेत्र में बकरी चराने की बात पर हुआ था विवाद, संत पर लाठियों से किया गया हमला
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/बजाग
डिंडौरी सिटी कोतवाली थाने के ग्राम खरगहना (ब्लॉक बजाग) में गुरुवार को मौसमी नाले में 60 वर्षीय संत का शव मिला है। हत्यारों ने शव को दफना दिया था। पुलिस ने हत्या के शक में पांच ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया है। मृतक की पहचान मूलतः उज्जैन निवासी संत कमलानंद उर्फ कमलनाथ पिता रामस्वरूप के रूप में की गई है। वारदात के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने बताया कि संत 20 साल से गर्रा टोला में मां नर्मदा किनारे आश्रम में रह रहे थे। जानकारी के अनुसार संत करीब हफ्तेभर से लापता थे, जिनकी खोजबीन जारी थी और कोतवाली थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। इसी बीच 14 मई को कुछ भक्त उनका सन्निध्य प्राप्त करने आश्रम पहुंचे, लेकिन भक्तों ने देखा कि आश्रम का दरवाजा खुला है और संत उपस्थित नहीं हैं। आश्रम की दीवारों और ज़मीन पर खून के निशान देखकर किसी अनहोनी की आशंका में भक्तों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बुधवार की देररात दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। उनकी निशानदेही पर आज मौसमी नाले से संत का शव मिलने के बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ। मामले में पांच लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बकरी चराने को लेकर संत और ग्रामीणों में हुआ था विवाद
कुछ दिन पहले स्थानीय ग्रामीणों और संत के बीच आश्रम क्षेत्र में बकरी चराने को लेकर विवाद हो गया था। उसी विवाद के बाद आरोपियों ने लाठी से संत पर हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। वारदात पर पर्दा डालने के लिए आरोपियों ने लाश को बोरे में भरकर नाले में दफना दिया। बहरहाल, पुलिस ने संदेही पिता-पुत्र पुहुप सिंह व झाम सिंह की शिनाख्त पर चरखुटिया और खरगहना बस्ती के बीच स्थित नाले से लाश को बरामद कर लिया। कार्यवाही के दौरान ASP जग्गनाथ मरकाम, SDOP आकांक्षा उपाध्यय, बजाग तहसीलदार गोविंद राम सलामे, कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर चंद्रकिशोर सिरामे सहित फॉरेंसिक टीम व संबंधित अमला मौजूद रहा।