डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी के रानी अवंती बाई चौक पर पुलिस झंडा दिवस (21 से 31 अक्टूबर) के उपलक्ष्य में गुरुवार को पुलिस विभाग की ओर से 'शस्त्र प्रदर्शनी' लगाई गई। इसमें पुलिस द्वारा उपयोग किए जाने वाले शस्त्रों को आमजनों के अवलोकन के लिए रखा गया। SP संजय सिंह ने स्कूल स्टूडेंट्स को दुनिया की सबसे पहली असॉल्ट राइफल AK-47, गन, पिस्टल सहित अन्य हथियार चलाने का लाइव डेमो देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। SP ने कहा कि आधुनिक युग में बच्चे फिल्मों एवं अन्य माध्यमों पर हथियार देखते हैं और उनकी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। उनकी उत्सुकता को शांत करने के लिए शस्त्र प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी के दौरान यह भी बताया गया कि बाढ़, भूकंप, तूफान सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के वक़्त जीवन रक्षा के लिए क्या करना चाहिए..! इस मौके पर ट्रैफिक इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर राहुल तिवारी ने स्टूडेंट्स को हथियारों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई और सवालों के जवाब दिए। प्रदर्शनी में आर्म्स शाखा प्रभारी राजेश सोनी, सिटी कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर चंद्रकिशोर सिरामे, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नर्मदा मरकाम, सब-इंस्पेक्टर विधि पांडे, होमगार्ड कमांडेंट ललित उद्दे, ASI प्रवीण ठाकुर, ओम सिंह ठाकुर, सिराज खान सहित पुलिसकर्मी और काफी संख्या में स्टूडेंट्स व आमजन उपस्थित थे।
AK-47 दुनिया की सबसे पहली और बेहतर असॉल्ट राइफल
SP संजय सिंह ने बताया कि AK-47 दुनिया की सबसे पहली और बेहतर असॉल्ट राइफल मानी जाती है। इसका विकास सोवियत संघ के मिखाइल कलाशनिकोव ने किया था। इसलिए इसे 'कलाशनिकोव राइफल' भी कहा जाता है। सरल डिजाइन, छोटा आकार और कम लागत में बड़ी संख्या में निर्माण करने की सुविधा इसकी खासियत है। AK-47 की मजबूती और विश्वसनीयता ही अब इसकी पहचान बन चुकी है। इसका निर्माण आर्कटिक जैसे सर्द क्षेत्र को ध्यान में रखकर किया गया था। इसकी उम्र 20 से 40 साल तक आंकी गई है।