- SDM कोर्ट ने आदेश जारी कर नप CMO राकेश शुक्ला से 28 सितंबर तक मांगा स्पष्टीकरण, कहा : आखिर जनता क्यों भुगते नगर परिषद की लापरवाही का नतीजा?
- जनहित के मुद्दे को लेकर नगर परिषद पर धारा 133 का डिंडौरी का पहला मामला
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी नगरीय क्षेत्र में गंदगी और अव्यवस्थाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए SDM महेश मंडलोई ने नगर परिषद के खिलाफ CrPC की धारा 133 का प्रकरण दर्ज किया है। दरअसल, नगर की सबसे पुरानी बसाहट मां नर्मदा गंज सहित सम्पूर्ण नगरीय क्षेत्र में प्रदूषण, गंदगी, दुर्गंध सहित तमाम ज़रूरी मसलों को लेकर वार्ड-9 निवासी एडवोकेट सम्यक जैन ने SDM को लैटर पिटीशन भेजकर निराकरण कराने का निवेदन किया था। इस पर संज्ञान लेकर SDM ने केस दर्ज कर नगर परिषद CMO राकेश शुक्ला को 28 सितंबर तक कोर्ट में मौजूद रहकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। बता दें कि जनहित के मुद्दे को लेकर नगर परिषद पर धारा 133 का यह पहला मामला है।
जगह-जगह गंदगी और दुर्गंध से नागरिकों का जीना हुआ दूभर
एडवोकेट सम्यक ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि SDM कोर्ट को भेजी पिटीशन में किन महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्र की मुख्य सड़क के दोनों ओर नगर परिषद ने नाली का निर्माण कराया है, जो पूर्णतः अनियोजित और अनुपयोगी साबित हुआ। कई स्थानों पर सीवर का चैंबर खुला छोड़ा गया है, जिससे हादसे का डर बना रहता है। साथ ही नगरीय क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी की भी उचित व्यवस्था नहीं है। वार्ड-9 में एडवोकेट शर्मा और बिलैया आवास के सामने कचरे का ढेर लगा है, इससे आसपास का वातावरण दुर्गंध और गंदगी से सराबोर है। रहवासियों को गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यह सीधे तौर पर संविधान के 'राइट टू लिव विथ डिग्निटी' (आर्टिकल 21) का उल्लंघन है।