डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी के रक्षित केंद्र में गुरुवार को ग्राम व नगर रक्षा समितियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें जिलेभर की रक्षा समितियों के सक्रिय सदस्यों ने सहभागिता की, जिन्हें SP संजय सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ग्राम व नगर रक्षा समितियां पुलिस विभाग सहित समाज का भी बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी अंग हैं। समिति के सदस्य पुलिस की रीढ़ की हड्डी हैं। समितियों से जुड़े सदस्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल नागरिकों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में मदद कर कई जानें बचा रहे हैं। यह कार्य काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। समितियां लगातार उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं और जिले में अब तक हुए हादसों में अनगिनत जानें बचाई जा चुकी हैं। जिले के जिन पुलिस थानों/चौकियों में पुलिस बल की कमी है, उनसे जुड़े क्षेत्रों में समिति सदस्य नि:स्वार्थ भाव से योगदान दे रहे हैं। SP ने ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में निवासरत सदस्यों को आपराधिक गतिविधियों और सड़क हादसों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए।
जिले में रक्षा समिति के सदस्यों को जोड़ने का क्रम जारी : SDOP
प्रशिक्षण के दौरान SDOP रवि प्रकाश कोल ने समितियों के लिए 1999 में बने अधिनियम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के दौरान समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रक्षा समिति के सदस्य लोक सेवक की तरह कार्य करते हैं। जिले में समिति सदस्यों को जोड़ने का क्रम जारी है। DSP (वुमन सेल) विजय गोठरिया ने कहा कि रक्षा समिति के सदस्य किसी पुलिस अधिकारी से कम नहीं हैं। इसकी शुरुआत 1956-57 में भिंड/मुरैना से शुरुआत हुई थी, लेकिन एक्ट 1999 में बना। प्रशिक्षण के दौरान रक्षित निरीक्षक संध्या ठाकुर, यातायात थाना प्रभारी सब-इंस्पेक्टर राहुल तिवारी, सूबेदार कुंवर सिंह सहित काफी संख्या में ग्राम-नगर रक्षा समिति सदस्य उपस्थित रहे।