डिंडौरी | शर्मनाक! सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करंजिया में बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए मांगा जा रहा 'खर्चा-पानी'... आखिर किस युग में जी रहे हैं हम!

  • प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हितग्राही, मामला उठाने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परसेल की एएनएम प्रियंका तेकाम को मिली धमकी

  • नायब तहसीलदार चंद्र शेखर मिश्रा ने कहा : बर्थ सर्टिफिकेट के बदले रुपए मांगना सरकार के नियमों के खिलाफ, कार्यवाही करेंगे



डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/करंजिया


सरकार, सरकारी मुलाजिम या जनप्रतिनिधि सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त देश, राज्य, शहर या समाज के कितने ही दावे कर लें, लेकिन सच की धरातल पर असलियत काफी अलग है। खुलेआम भ्रष्टाचार के मामले आए दिन हमारे सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक शर्मनाक मामला डिंडौरी जिले के करंजिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में सामने आया है। यहां हितग्राहियों से बर्थ सटिफिकेट जैसी बेसिक प्रक्रिया के लिए रुपए मांगे जाते हैं। इसका खुलासा खुद हितग्राहियों और स्वास्थ्य सेवकों ने किया है। शासन अस्पतालों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए योजनाएं संचालित कर रही है, जिनमें जननी सुरक्षा योजना प्रमुख है। इसके तहत ग्रामीणों को अस्पताल में ही प्रसव कराने पर जोर दिया जाता है। शासन की ओर से अस्पताल में प्रसव कराने पर हितग्राहियों एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। दूसरी ओर अस्पताल के कर्मचारी उल्टे हितग्राहियों से ही पैसे की मांग करते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करंजिया में जन्म प्रमाण पत्र के बदले पैसे लेने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।


ऑपरेटर मांग रहे पैसे, आखिर इनकी इतनी हिम्मत कैसे?


करंजिया CHC में ऑपरेटर सोमनाथ सोनी पर जन्म प्रमाण पत्र के बदले पैसे लेने के आरोप लगे हैं। हितग्राहियाें के मुताबिक वह बर्थ सर्टिफिकेट के बदले 500 से 1000 रुपए तक मांगते हैं। जबकि जन्म प्रमाण पत्र केंद्र में प्रसव के बाद नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं। कुछ जन्म प्रमाण पत्रों में बच्चों का नामकरण न होने के कारण हितग्राही कुछ समय बाद प्रमाण पत्र लेते हैं। वहीं, कुछ हितग्राहियों के बच्चों का नाम प्रमाण पत्र में गलत डाल दिया जाता है, तो कुछ लोग जानकारी के अभाव में बिना नाम के ही जन्म प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं। इसके एवज में ऑपरेटर हितग्राहियों को गुमराह करके राशि वसूलते हैं। तत्काल रूप से प्रमाण पत्र देने के लिए भीर 100 से 500 की डिमांड की जा जाती है। यह कहना है ग्राम सरैहा की आशा कार्यकर्ता रामवती सैयाम का। उन्होंने बताया कि वह प्रसव के लिए ग्रामीण महिलाओं को CHC करंजिया लेकर आती हैं। प्रसव के बाद जब परिजन जन्म प्रमाण पत्र मांगते हैं तो उनसे ऑपरेटर 'खर्चा-पानी' के लिए कहते हैं। रामवती 20-30 रुपए देकर प्रमाण पत्र ले जाती हैं तो उन्हें रोका-टोका जाता है। ग्रामीण संपतिया बाई ने बताया कि उनके बच्चे का नाम जन्म प्रमाण पत्र में गलत प्रिंट हो गया था। वह नाम सुधरवाने गईं तो ऑपरेटर सोनी ने उनसे 500 रुपए की मांग की। 



खुद हेल्थ वर्कर्स को झेलना पड़ रही कई परेशानियां


प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परसेल की एएनएम प्रियंका तेकाम ने बताया कि वह खुद भी भ्रष्टाचारी तत्वों के कारण परेशानियों का सामना कर रही हैं। CHC करंजिया में पदस्थ ऑपरेटर सोमनाथ सोनी ने हितग्राही सिया पति गणपत धुर्वे निवासी मोहगांव, संतोषी पति अरविंद निवासी मोहगांव, राधा पति धनीराम धुर्वे, रजनी पति सागर मरावी सहित अन्य हितग्राहियों से जन्म प्रमाण पत्र व प्रधानमंत्री प्रसूति सहायता योजना के लिए पैसे मांगे हैं। इसके बाद एएनएम प्रियंका ने जब सोमनाथ सोनी से चर्चा की तो वह झगड़ा करने लगे। साथ ही प्रियंका को धमकी दी कि 'मैं तुम्हें देख लूंगा।' सोमनाथ की इस गतिविधि की शिकायत प्रियंका ने करंजिया के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और डिंडौरी जिला अस्पताल में डीपीएम से भी की। 


बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मांगे 1300 रुपए


ऐसी ही घटना कुम्हरवार निवासी हिमाद्रि पति मुकेश के सामने भी आया। उनसे बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी, लेकिन पैसे न देने के कारण उन्हें आज तक सर्टिफिकेट नहीं मिला। पीड़िता के भाई जगदीश पेंद्रो ने बताया कि प्रसव के दौरान बहन गारकामट्टा स्थित उनके घर पर थी। प्रसव पीड़ा के बाद उन्हें करंजिया CHC में भर्ती कराया गया। बेटी के जन्म के बाद ऑपरेटर सोमनाथ सोनी से जन्म प्रमाण पत्र की मांग की गई। इसके एवज में सोमनाथ ने हितग्राही से 1300 रुपए की मांग की। उन्हें भ्रमित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि अभी जच्चा को पूरे टीके नहीं लगे हैं। इसलिए प्रमाण पत्र के लिए 1300 रुपए देना होगा। जगदीश ने कुछ स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी दी। स्थानीय रहवासियों के हस्तक्षेप के बाद दबाव में आकर ऑपरेटर सोनी ने बिना पैसे प्रमाण पत्र देने की हामी भरी, लेकिन आज तक हितग्राही को प्रमाण पत्र नहीं मिला। इसी तरह ग्राम माधौपुर निवासी शंकर से भी सर्टिफिकेट के लिए 1000 रुपए मांगे गए। एक साल बीत गए, लेकिन शंकर को बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं हुआ। 


नायब तहसीलदार बोले- कार्यवाही करेंगे, बीसीएम ने कहा : पहले भी मिली शिकायत्र


मामले पर डिंडौरीडॉटनेट ने करंजिया के नायब तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा से बात की। इस पर वह बोले कि अगर हितग्राहियों से बर्थ सर्टिफिकेट के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं तो यह सरकार के नियम के विरुद्ध है। वह व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेकर ऑपरेटर सहित भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य कर्मचारियों पर भी कार्यवाही करेंगे। वहीं, करंजिया बीसीएम ने कहा कि इससे पहले भी ऑपरेटर की शिकायत प्राप्त हुई थी। तब उसे समझाइश देकर छोड़ दिया गया था, लेकिन उसकी गतिविधियां नहीं सुधर रही हैं। ऐसे में CHC की छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है। लिहाजा ऑपरेटर पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। 


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