- भोपाल की नेशनल अवॉर्डी यंग साइंस कम्युनिकेटर सारिका घारू बता रही हैं कब और कैसे देख सकेंगे लियो तारामंडल
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/भोपाल
आकाश में स्थित तारामंडल में हमें कई तरह की आकृतियां देखने मिलती हैं। बस, इसके लिए अनुभवी नजर और सही समय का ज्ञान होना चाहिए। हम-आप भी मई महीने की हर शाम 07 से 09 बजे के बीच तारामंडल में शेर की आकृति का दीदार कर सकते हैं। इसे लियो (सिंह) तारामंडल कहते हैं। तय समय पर आंगन या छत से स्काय सफारी कर शेर की आकृति के तारामंडल से साक्षात्कार किया जा सकता है। भोपाल की यंग साइंस कम्युनिकेटर सारिका घारू ने डिंडौरीडॉटनेट से बातचीत में लियो तारामंडल की खासियतों का वर्णन किया है।
'12 राशि तारामंडल' में पांचवां है लियाे तारामंडल
सारिका ने बताया, खगोलविदों ने आकाश में तारों के समूह की स्थायी संरचना की कल्पना किसी जीव या वस्तु से कर उन्हें '12 राशि तारामंडल' नाम दिया है। साथ ही राशि तारामंडल में स्थित कुछ तारों को 27 नक्षत्रों का भी नाम दिया गया है। '12 राशि तारामंडल' में से पांचवा तारामंडल सिंह या लियो मई महीने की शाम को दिखाई दे रहा है। इसके दक्षिण भाग वाले दो तारे काल्पनिक सिंह के पैर और पूंछ का सिरा हैं। उत्तर भाग वाले दो तारों से सिंह की पीठ की कल्पना की गई है। इस दौरान सिंह के गर्दन को बनाने वाले तारे भी देखे जा सकेंगे। इसमें मघा, पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को भी पहचाना जा सकता है।
लियो तारामंडल में स्थित तीन नक्षत्रों की जानकारी
- मघा : इसे रेगुलस या अल्फा लियोनिस भी कहते हैं। यह सिंह तारामंडल का सबसे चमकदार तारों का समूह है। इसके प्रकाश को धरती तक पहुंचने में लगभग 78 साल लगते हैं।
- उत्तरा फाल्गुनी : इसे डेनेबोला या बीटा लियोनिस कहते हैं। यह सिंह तारामंडल का दूसरा चमकदार तारा है। इसकी रोशनी करीब 36 साल हम तक पहुंचती है।
- पूर्वा फाल्गुनी : यह लियो तारामंडल का 11वां नक्षत्र है। इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 58 साल का समय लेता है। इसे डेल्टा लियोनिस भी कहते हैं।