डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी के सबसे बड़े और प्रमुख सरकारी स्थल कलेक्टोरेट परिसर में बेतहाशा गंदगी फैली हुई है। जगह-जगह पान-गुटखे की पीक आसानी से देखी जा सकती हैं। यहां आने वाले कुछ नासमझ लोगों की लापरवाही के कारण परिसर का माहौल बिगड़ रहा है। कलेक्टोरेट की गंदगी दिखाती तस्वीरें स्थानीय जागरूक युवाओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं। उन्होंने कहा कि यह वही स्थान है, जहां रोजाना जिले के बड़े-बड़े अफसर बैठते हैं। लेकिन किसी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। गैलरी में खिड़कियां भी टूटी हुई हैं, जिन्हें नासमझ लोगों ने डस्टबिन की तरह उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह 'दीया तले अंधेरा' कहावत का सजीव उदाहरण है। प्रशासन की अनदेखी और देखरेख की कमी के कारण लोग परिसर के अंदर ही बेझिझक पान-गुटखा खाकर थूक देते हैं, जिससे कोने-कोने में लाल दाग बन गए हैं। परिसर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए अंदर बगीचा बना है, जहां गुलाब के पौधों और आम के पेड़ों की पत्तियां भी भारी लापरवाही की गवाही दे रही हैं। सोशल मीडिया पर फ़ोटो पोस्ट करने वाले युवाओं ने आक्रोशित लहज़े में कहा कि जब जिले के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण कार्यालय की इस दुर्गति पर भी अफसर ध्यान नहीं देते तो आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निराकरण कैसे होगा, यह बड़ी चिंता का विषय है। पूरे जिले के लिए नियम-कायदा-कानून बनाने वाले सरकारी कार्यालय में ही स्वच्छता जैसे अनिवार्य अनुशासन का सख्ती से पालन न होना बेहद शर्मनाक है।
14 सितंबर को जिला अस्पताल में कलेक्टर ने युवक से हाथ से साफ कराई थी थूक
डिंडौरी जिला अस्पताल परिसर में 14 सितंबर को निरीक्षण के दौरान कलेक्टर रत्नाकर झा ने एक युवक से हाथ से थूक साफ कराई थी। उन्होंने डांट-डपटकर युवक को स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाया था। कलेक्टर झा जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे और युवक गुटखा खाकर अस्पताल परिसर में ही थूकता दिख गया। पहले तो कलेक्टर ने युवक को जमकर फटकार लगाई और फिर उससे हाथ से ही थूक साफ करने को कहा। ऐसे में सवाल उठना लाज़िमी है कि आखिर कलेक्टोरेट परिसर में फैली बेशुमार गंदगी पर कलेक्टर सहित अन्य अफसरों का रुख इतना उदासीन क्यों है!