- परिवार की देखभाल, डॉक्टरों के परामर्श और आत्मसंयम ने की महामारी को हराने में मदद, विक्रमपुर BMO डॉ. प्रदीप गोहिया सहित हेल्थ स्टाफ ने दिया उचित मार्गदर्शन
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
इच्छाशक्ति, आत्मसंयम और उचित उपचार के बल पर डिंडौरी जिले के विक्रमपुर स्थित हायर सेकंडरी स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक अरुण राय ने कोरोना संक्रमण से जंग जीतकर मिसाल कायम की है। उनके लिए कोरोना से लड़ना किसी भी मायने में आसान नहीं था, क्योंकि वह उनकी दोनों किडनियां खराब हैं। वह 06 साल से किडनी की समस्या से पीड़ित हैं। पूर्णत: स्वस्थ होने के बाद अरुण राय ने अपना अनुभव साझा किया। उन्हाेंने बताया कि 06 मई को उनकी जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। शुरुआत में परिजन घबरा गए और घर पर ही आइसोलेट रहकर उपचार करने का फैसला लिया। पत्नी श्वेता राय छोटे, अनुज अमित राय, एडवोकेट सुशील राय और बेटे अमोल राय ने गंभीरता से देखभाल शुरू की। कलेक्टर रत्नाकर झा के निर्देश पर विक्रमपुर BMO डॉ. प्रदीप गोहिया और हेल्थ स्टाफ लगातार मार्गदर्शन करते रहे। आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ. समीक्षा सिंह और अनुपमा परस्ते सहित डिस्ट्रिक्ट कोविड कमांड सेंटर की टीम भी तत्परता से इलाज में लगी रही। सेंटर के अधिकारी-कर्मचारी स्वस्थ होने तक रोजाना 03-04 बार मोबाइल पर हेल्थ अपडेट लेकर उचित सलाह देते रहे।भगवान पर आस्था, आत्मसंयम और मित्रों का सहयोग भी आया काम
अरुण राय ने बताया कि BMO डॉ. गोहिया ने घर पर ही जरूरी दवाएं उपलब्ध कराईं। साथ ही बिलासपुर के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. राजेश गौतम भी फाेन के जरिए समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहे। कठिन समय में भगवान पर अटूट विश्वास, आत्मसंयम और पटवारी अमर साहू ने रोजाना हौसला बढ़ाया। अरुण ने अप्रैल के पहले हफ्ते में ही वैक्सीन की पहला डोज ली थी, जिससे वायरस से लड़ने में काफी मदद मिली। डिंडौरी के रिटायर्ड शिक्षक पीएन अवस्थी लगामार ऑनलाइम माध्यम से योगाभ्यास कराते थे। अरुण राय ने जिले के नागरिकों से अपील कि कोरोना से घबराएं नहीं, बल्कि डटकर लड़ें और इससे बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं।