- वर्तमान में जिले के करीब 350 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की सामूहिक हड़ताल के कारण चौपट हो रहीं स्वास्थ्य सेवाएं, अब अस्थायी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की नाराजगी से भी पड़ेगा जिले की सेहत पर बुरा असर
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी जिले में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए नियुक्त अस्थायी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने मंगलवार को संविदा में मर्ज करने की मांग लेकर SDM महेश मंडलोई को कलेक्टर रत्नाकर झा के नाम ज्ञापन सौंपा है। वर्तमान में जिले के करीब 350 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सामूहिक हड़ताल पर हैं, जिससे जिलेभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में अस्थायी डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की नाराजगी भी जिले की सेहत पर यकीनन बुरा असर डालेगी। बहरहाल, आज कोविड-19 स्वास्थ्य सेवा संगठन के बैनर तले सौंपे ज्ञापन में अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियाें ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोराेना महामारी को रोकथाम के लिए मार्च 2020 में 6000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की थी। सेवा की अवधि राज्य सरकार ने समय-समय पर बढ़ा दी है। अस्थायी स्वास्थ्य कर्मी देशहित के लिए कोरोनाकाल में जी-जान लगाकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कई करीबियों को खोया भी है। जब महामारी के दौरान अधिकांश नियमित विशेषज्ञ डाॅक्टर्स और स्टाफ अवकाश लेकर घर बैठे थे, तब भी अस्थायी कोविड-19 स्टाफ लगातार सेवा में लगे रहे। उन्हीं के योगदान के कारण डिंडौरी जिले सहित प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया जा सका है। अब उन्हें सेवा से हटाकर सरकार नई संविदा भर्तियों के जरिए रिक्त स्थानों पर जॉइनिंग दे रही है। यह सरासर गलत है। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार करते हुए अस्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही संविदा कर्मियों का दर्जा देना चाहिए। अस्थायी स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह संगठन के माध्यम से बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।