- महाशिवरात्रि पर्व पर 11 मार्च को एक साल बाद होगी देवों के देव महादेव की विधिवत पूजा-अर्चना और जलाभिषेक
- मंदिर परिसर में स्थानीय ग्रामीण करा रहे अखंड श्रीराम कीर्तन का आयोजन, महाशिवरात्रि पर किया जाएगा समापन
डिंडौरी जिले के समनापुर ब्लॉक के कुकर्रामठ गांव स्थित ऐतिहासिक श्रीऋणमुक्तेश्वर मंदिर का ताला कोरोनाकाल की स्याह अवधि के बीच करीब एक साल बाद खोला गया। मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलते ही जिलेभर के श्रद्धालु आस्था-भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा करने पहुंचने लगे। मंदिर के पुजारी पांडेय परिवार ने बताया कि श्रीऋणमुक्तेश्वर मंदिर की ख्याति दुनियाभर में फैली है। महाशिवरात्रि पर्व पर 11 मार्च को दूर-दूर के भक्त मंदिर पहुंचकर देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करेंगे। पिछले साल महाशिवरात्रि पर मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं ने पाइप के जरिए जल चढ़ाया था। देशभर में लॉकडाउन और मंदिरों में प्रवेश बंद होने की वजह से श्रीऋणमुक्तेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर पुरातत्व विभाग ने नोटिस चस्पा कर दिया था, जिसे अब हटा दिया गया है। मान्यता है कि मंदिर में विधिविधान से पूजा करने और शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भक्तों पितृ-गुरु-देव ऋण और कर्जे से मुक्ति मिलती है। मंदिर परिसर में स्थानीय ग्रामीणों की ओर से जिले के सुख, शांति और समृद्धि के लिए अखंड श्रीराम कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। इसका समापन महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर किया जाएगा।