DDN Update | श्रीमद्भागवत पुराण के तीसरे दिन कथा वाचक रक्षा सरस्वती ने संस्कृति की रक्षा पर दिया जोर, कहा : अगली पीढ़ी को सौंपें समद्ध संस्कृति की विरासत

  • डिंडौरी के किशोरी रिसॉर्ट, वार्ड-05 में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत पुराण का आयोजन
  • रविवार को भरत चरित्र, अजामिलोपाख्यान, नृसिंह अवतार और प्रह्लाद चरित्र का वर्णन
  • कल गजेंद्र उद्धार, वामनावतार, रामावतार सहित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उठाएं आनंद

डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी

डिंडौरी के वार्ड-05 स्थित किशोरी रिसॉर्ट में जारी सात दिवसीय श्रीमद्भागवत पुराण कथा के तीसरे दिन रविवार को कथा वाचक रक्षा सरस्वती ने संस्कृति की रक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह हमारी जिम्मेदारी है कि अगली पीढ़ी को समृद्ध संस्कृति की विरासत सौंपें। वृंदावन धाम से पधारीं कथा वाचक ने आज भरत चरित्र, अजामिलोपाख्यान, नृसिंह अवतार और प्रह्लाद चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने श्रोताओं को पुराण में समाहित जीवन के सहज, सरल और सुखमय रास्तों का दर्शन कराया। भरत चरित्र में बताया, भरत की चारित्रिक महिमा का वर्णन ब्रह्मा, विष्णु, महेश और यहां तक कि स्वयं श्रीराम भी करने में असमर्थ थे। भरत जी का जीवन खुद में एक श्रेष्ठ उदाहरण है। प्रह्लाद चरित्र का वर्णन करते हुए कथा वाचक ने बताया, पिता हिरण्यकश्यप प्रह्लाद के ईष्ट भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानते थे। पुत्र को भगवान विष्णु की भक्ति करते देख उन्होंने उसे जान से मारने की ठान ली। प्रभु पर सच्ची निष्ठा और आस्था की वजह से हिरण्यकश्यप प्रह्लाद का कुछ भी अनिष्ट नहीं कर पाए। सुशीला-रामलाल बर्मन परिवार की ओर से आयोजित पुराण में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 

सोमवार को गजेंद्र उद्धार, वामनावतार, रामावतार और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 

पुराण में सोमवार को गजेंद्र उद्धार, वामनावतार, रामावतार और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई जाएगी। कथा स्थल पर भगवान कान्हा के जन्म की खुशियां मनाई जाएंगी। पुराण का आयोजन 18 फरवरी तक दोपहर 02:00 से शाम 05:30 बजे तक किया जाएगा। 19 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे समापन और महाप्रसाद का वितरण होगा।

मुख्य यजमान रामलाल बर्मन ने बताया कि ईश्वर के प्रति अथाह श्रद्धा ने उन्हें श्रीमद्भागवत पुराण कराने के लिए प्रेरित किया। महामारी की काली छाया को दूर करने के लिए यज्ञ स्वरूप आयोजित पुराण में पत्नी सुशीला सहित बेटे-बहुओं का भी सक्रिय योगदान है। मां नर्मदा की गोद में बसे डिंडौरी की पहचान इन्हीं परंपराओं और संस्कृति से है।



नगर के पत्रकारों ने किया कथाव्यास का सम्मान

कथा के प्रारंभ में नगर के पत्रकारों ने कथाव्यास रक्षा सरस्वती का शॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। डिंडौरी प्रेस क्लब के अध्यक्ष शिवराम बर्मन, सुरेंद्र सोनी, विनोद कांसकार, रामप्रकाश मिश्रा, वंदना मानिकपुरी आदि ने मंच की पूजा की और कथा वाचक के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। 


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