DDN Exclusive | शहपुरा के मेडिकल प्रैक्टिशनर डॉ. सनत साहू ने BMO डॉ. सतेंद्र परस्ते पर लगाया ₹50 हजार रिश्वत मांगने का आरोप, थाने में की लिखित शिकायत

  • आरोप | उमरिया रोड पर बंद पड़ी क्लीनिक खुलवाने के नाम पर मांगे रुपए, रजिस्ट्रेशन और डिग्री होने के बावजूद डॉ. परस्ते ने क्लीनिक पर कराई थी कार्यवाही 
  • 27 जुलाई 2020 को प्रशासन ने क्लीनिक को किया था सील, व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण द्वेष में आकर जानबूझकर किया जा रहा प्रताड़ित
  • आवेदक ने 29 जनवरी को कलेक्टर रत्नाकर झा को दी थी मामले की जानकारी, उन्होंने दिया था जांच कराकर उचित कार्यवाही का भरोसा

डीडीएन रिपोर्टर | शहपुरा

शहपुरा के मेडकिल प्रैक्टिशनर डॉ. सनत साहू कुमार साहू (BAMS, उज्जैन यूनविर्सिटी) ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) डॉ. सतेंद्र कुमार परस्ते पर ₹50 हजार रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, मामला 27 जुलाई 2020 को प्रशासनिक कार्यवाही में सील की गई उमरिया रोड स्थित क्लीनिक से जुड़ा है। डॉ. सनत ने पुलिस को दिए आवेदन में लिखा कि डॉ. सत्येंद्र परस्ते ने व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण द्वेष भावना से उनकी क्लीनिक को सील कराकर चाबी खुद ही रख ली थी। जबकि आवेदक के पास वैध डिग्री और क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन भी है। डॉ. सनत कई बार BMO से क्लीनिक की चाबी मांग चुके हैं, लेकिन BMO रुपए की मांग पर अड़े हुए हैं। जब पानी सिर से ऊपर निकल गया तो डॉ. सनत ने पुलिस का सहारा लिया। आवेदक ने कहा कि उनके पास ऑडियो-विजुअल/डॉक्युमेंट फॉर्म में साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। रिपोर्ट लिखकर पुलिस ने जांच कराकर उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।

 

बीएमओ ने कहा : सभी आरोप गलत, मैंने कभी पैसे नहीं मांगे

शहपुरा BMO डॉ. सतेंद्र परस्ते ने डिंडौरीडॉटनेट से बातचीत में कहा, 'डॉ. सतेंद्र के सभी आरोप निराधार हैं। उनकी क्लीनिक के संबंध में मैंने कभी रुपयों की मांग नहीं की। क्लीनिक सील करने की कार्यवाही में तहसीलदार, एसडीएम, थाना प्रभारी भी शामिल थे। यह प्रशासनिक प्रक्रिया थी, फिर भला मैं क्लीनिक खुलवाने या बंद कराने का इकलौता अधिकारी कैसे हो सकता हूं। बल्कि मैं खुद आवेदक की मदद कर रहा हूं कि उन्हें क्लीनिक वापस मिल जाए। उन्होंने मुझ पर इतने गंभीर आरोप क्यों और किस आधार पर लगाए, मेरी समझ से परे है।'

आवेदन में जो भी लिखा... आवेदक के शब्दों में...

'मैं डॉ. सनद कुमार साहू पिता संतराम साहू जाति तेली उम्र 36 वर्ष निवासी बांकी थाना व तहसील शहपुरा जिला डिंडौरी का स्थायी निवासी होकर निम्नलिखित निवेदन करता हूं-'

''झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा ने जांच टीम बनाई थी। इसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शहपुरा, तहसीलदार शहपुरा, थाना प्रभारी शहपुरा और खंड चिकित्सा अधिकारी शहपुरा शामिल थे। जांच टीम ने आवेदक की क्लीनिक (विवान क्लीनिक) उमरिया रोड शहपुरा जिला डिंडौरी, किराए के मकान में स्थित है, जिसे 25.07.2020 को सील किया था। खंड चिकित्सा अधिकारी शहपुरा डॉ. सतेंद्र परस्ते ने मकान (क्लीनिक) की चाबी खुद ही रख ली थी। जबकि आवेदक 'झोलाछाप डॉक्टर' नहीं है। आवेदक के पास डॉक्टर की डिग्री और क्लीनिक का वैधानिक पंजीयन भी है। इससे जुड़े दस्तावेज भी आवेदक ने प्रस्तुत किए, लेकिन व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के कारण बीएमओ डॉ. सतेंद्र परस्ते ने षड्यंत्र रचकर अवैधानिक कार्यवाही करते हुए क्लीनिक सील कराई है।''

कलेक्टर से भी अपनी पीड़ा कह चुके डॉ. सनत

''आवेदक जब क्लीनिक (मकान) की चाबी मांगने आता था, तब बीएमओ डॉ. सतेंद्र परस्ते टालमटोल करते और  बहाने बनाने लगते। आवेदक ने 21.01.2021 को बीएमओ से लिखित माध्यम से बंद पड़ी क्लीनिक (मकान) की चाबी दिलाए जाने का निवेदन किया, लेकिन डॉ. सतेंद्र परस्ते ने चाबी नहीं दी। फिर‌ आवेदक ने 29.01.2021 को कलेक्टर को घटना की जानकारी देकर अपनी पीड़ा बताई। तब कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही मकान की चाबी मिल जाएगी और लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदन की कॉपी खंड चिकित्सा अधिकारी को दे देना। आवेदक ने दिनांक 30.01.2021 को आवेदन की एक प्रति बीएमओ को दी, लेकिन उन्होंने आज तक मकान की चाबी नहीं दी।''

जब तक पैसे नहीं दोगे, इसी तरह भटकते रहोगे : बीएमओ

''09.02.2021 की सुबह 10 बजे के आसपास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा के कार्यालय प्रभारी वाडिवा जी का 9644484647 नंबर से आवेदक के पास फोन आया। वाडिवा जी ने बोला कि बीएमओ साहब से मिल लेना, जरूरी काम है। जल्दी आओ। तब आवेदक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर बीएमओ डॉ. सत्येंद्र परस्ते से मुलाकात की। बीएमओ ने आवेदक से कहा कि मेरा काम नहीं किया? मैं कब से बोल रहा हूं 50 हजार रुपए की व्यवस्था करो..! अब तक तो चाबी मिल गई होती। जब तक पैसे नहीं दोगे, इसी तरह भटकते रहोगे। इतना कहकर बीएमओ अपने ऑफिस में चले गए। आवेदक भी निराश होकर वापस लाैट आया।'' 

मनगढ़ंत पत्र भेजकर आवेदक को कर रहे प्रताड़ित

''09.02.2021 की शाम को अचानक पोस्टमेन का फोन आया। बोले- आवेदक के नाम की कोई डाक आई है। उस वक्त आवेदक खेती का काम रहा था इसलिए उसने अधिवक्ता निर्मल कुमार साहू को डाक लेने के लिए भेजा। अधिवक्ता ने पत्र कमांक स्था०/2021/93, दिनांक 08.02.2021 की फोटो लेकर आवेदक को वॉट्सएप किया। पत्र में लिखा था कि दिनांक 21.01.2021 को सील क्लीनिक को खोलने के लिए आवेदन किया गया है। चाबी के लिए फोन के माध्यम से बीएमओ और कार्यालय के कर्मचारियों की ओर से आपको संपर्क किया गया। फिर भी आप  बीएमओ कार्यालय में आज तक उपस्थित नहीं हुए। इसलिए क्लीनिक की चाबी नहीं दी जा सकी है। यह पढ़कर आवेदक अचंभित रहा गया। जबकि 25.07.2020 से अब तक आवेदक ने कई बार बीएमओ से संपर्क किया, लेकिन चाबी नहीं मिली। बीएमओ डॉ. सतेंद्र परस्ते की ओर से प्रेषित पत्र पूरी मनगढ़ंत है। क्लीनिक की चाबी देने के एवज में उन्होंने ₹50,000 की मांग की और आवेदक ने नहीं दिए इसलिए बीएमओ बेवजह आवेदक को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पीड़ा पहुंचा रहे हैं। पुलिस से निवेदन है कि मामले की गंभीर जांच कराकर आवेदक को न्याय दिलाया जाए।''

Comments
Popular posts
NEGATIVE NEWS | डिंडौरी जिले के ग्राम खरगहना में मौसमी नाले में दफन मिला 60 वर्षीय संत का शव, पुलिस ने शक के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया
Image
फैक्ट चैक | गलत अर्थ के साथ वायरल हो रहा श्रीरामचरित मानस का दोहा-चौपाई, बनारस के विद्वानों ने बताई सच्चाई
Image
COURT NEWS | साथ घर बसाने का प्रलोभन देकर 23 वर्षीय आरोपी ने नाबालिग का अपहरण कर किया दुष्कर्म, डिंडौरी कोर्ट ने सुनाई 11 साल की कठोर सजा
Image
EDU INFO | RN Classes दे रहा है यूपीएससी/आईएएस और एमपीपीएससी की निशुल्क तैयारी का सुनहरा अवसर, जॉइन करें 100% फ्री स्कॉलरशिप टेस्ट
Image
NEW ASP IN TOWN | 2002 बैच के राज्य पुलिस सेवा अधिकारी जगन्नाथ मरकाम ने संभाला डिंडौरी ASP का पदभार, 08 महीने बाद पुलिस विभाग को मिला नया उप-कप्तान
Image