Belief & Religion | डिंडौरी के किशोरी गार्डन में श्रद्धालुओं ने मनाई लीलाधर श्रीकृष्ण के अवतरण की खुशियां, भावविभाेर होकर भक्तों ने बालगोपाल को सिर-आंखों पर बिठाया

  • नगर के वार्ड-05 में जारी श्रीमद्भागवत पुराण के चौथे दिन युवा कथा वाचक रक्षा सरस्वती ने सुनाई गजेंद्र उद्धार, रामावतार, वामनावतार और श्रीकृष्ण जन्म की कथा


  • मंगलवार को होगा श्रीकृष्ण बाललीला, माखनचोरी, गौचारण और श्रीगोवर्धन पूजा का आख्यान, सुशीला बर्मन और रामलाल बर्मन करा रहे संगीतमय पुराण का आयोजन


डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी

डिंडौरी के वार्ड-05 स्थित किशोरी गार्डन में बीते चार दिन से संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण कथा की रसधारा बह रही है। भक्तों की विशाल संख्या ईश्वर के दरबार को धर्ममय बना रही है। श्रीमद्भागवत कथा में सोमवार को वृंदावन धाम से पधारीं युवा कथा वाचक रक्षा सरस्वती ने गजेंद्र उद्धार, रामावतार, वामनावतार और श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। कथा के दौरान जब व्यासजी ने श्रीकृष्ण जन्मलीलाओं का वर्णन किया तो कान्हा के भक्त खुद को झूमने से नहीं रोक सके। कथा प्रांगण लीलाधार कृष्ण के अद्भुत तेज से ओजस्वी हो उठा। टोकरी पर मंद-मंद निद्रा में सोए नटखट गोपाल को सिर-आखों पर बिठाने के लिए भक्तों में होड़ मच गई। मुख्य यजमान रामलाल बर्मन व पत्नी सुशीला बर्मन सहित बर्मन परिवार के तमाम सदस्यों और नगर के श्रद्धालुओं ने बालगोपाल को सिर पर उठाकर पुण्यार्जन किया। इस प्रसंग के दौरान किशोरी गार्डन गोकुल में तब्दील हो गया। फूलों की होली खेलकर भक्तों ने भगवान के धरती पर अवतरण होने का जलसा मनाया। श्रीकृष्ण के बाल रूप की जीवंत झांकी सजाकर श्रद्धालुओं ने झूमकर नृत्य किया और मिठाई बांटीं। कथा वाचक ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा में कहा, जीव जब साधना में बैठ जाता है, तब संसार रूपी हथकड़ियां व पैरों की बेड़ियां स्वत: ही टूट जाती हैं और ईश्वर से साक्षात्कार के दरवाजे खुल जाते हैं। जैसे कन्हैया को गोद में उठाते ही वासुदेवजी कारागर के बंधनों से मुक्त हो गए थे। भगवान कभी जन्म नहीं लेते, बल्कि वह अवतार धारण करते हैं।





कथा प्रांगण में प्रभु दर्शन के लिए संतों का आगमन

पुराण के दौरान आज कथा प्रांगण में विभिन्न क्षेत्रों के संतों का आगमन भी हुआ। कथा के दौरान नंदलाल के अवतरण के साक्षी बने संतों ने खुद को धन्य पाया। उन्होंने व्यासपीठ पर विराजमान रक्षा सरस्वती का अभिनंदन कर कथामृत का रसपान किया। यहां कथा वाचक रक्षा सरस्वती ने अयोध्या धाम में बनने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए यथाशक्ति दान देने की अपील की। कथा में मंगलवार को दोपहर 02:30 बजे से श्रीकृष्ण बाललीला, माखनचोरी, गौचारण और श्रीगोवर्धन पूजा का आख्यान वर्णित किया जाएगा। पुराण का आयोजन 18 फरवरी तक किया जाएगा। वहीं, 19 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे से समापन और महाप्रसाद वितरण होगा।











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