- कांग्रेसियों की भारी भीड़ के बीच बजाग तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा और डिंडौरी असिस्टेंट कलेक्टर सृष्टि जयंत देशमुख को विधायक ने सौंपा शिकायत पत्र
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में डिंडौरी जिले के बजाग स्थित गांधी चौक में गुरुवार को कांग्रेसियों का जमघट लगा। डिंडौरी विधायक और पूर्व आदिम जाति कल्याण व जनजातीय कार्यमंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने सभा को संबोधित करते हुए तीनों कानूनों को देश के किसानों के लिए 'काला कानून' बताया और कानून वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए तीन जानलेवा कानून पास किए हैं। इनके विरोध में दिल्ली में 26 दिन से देशभर के किसान परिवार सहित भीषण ठंड में सड़क में बैठकर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान 25 किसानों की मौत भी हो चुकी है, जो अत्यंत दु:खद है। विधायक मरकाम ने 28 दिसंबर को भोपाल पहुंचकर कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा भवन का घेराव करने की भी अपील की। उन्होंने कांग्रेसियों की भारी भीड़ के बीच बजाग तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा और डिंडौरी असिस्टेंट कलेक्टर सृष्टि जयंत देशमुख को शिकायत पत्र सौंपकर प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही का निवेदन किया।
केंद्र/राज्य सरकार से डिंडाैरी कांग्रेस की प्रमुख मांगें
- किसानों के खिलाफ लागू किए गए तीनों काले कानून वापस लिए जाएं।
- प्रदेश के 40 प्रतिशत वनों के निजीकरण का प्रस्ताव तत्काल वापस लिया जाए।
- उपार्जन केंद्रों में किसानों की धान रिजेक्ट की जा रही है। उन्हें वापस लेकर खरीदा जाए।
- आष्ठान योजना के तहत कमलनाथ सरकार की ओर से आदिवासी देवस्थलों के निर्माण के लिए स्वीकृत राशि तुरंत जारी की जाए।
- मदद योजना के तहत हर गांव के लिए ₹25000 के बर्तन खरीदने की राशि पंचायतों में जमा है, जिस पर रोक लगा दी गई है। सरकार बर्तन खरीदने की अनुमति दे।
- आदिम जाति कल्याण मंत्री रहते ओमकार मरकाम ने आदिवासियों के लिए मदद योजना शुरू की थी, जिसमें संतान पैदा होने पर 50 किलोग्राम और परिजन की मृत्यु के बाद दशगात्र के लिए 100 किलोग्राम नि:शुल्क राशन मिलता था। इसे मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया, जिसे फिर शुरू किया जाए।