- रफी साहब के जन्मदिन पर डिंडौरी के गायकों ने दी सुरीली पेशकश, यू-ट्यूब पर किया गया लाइव प्रसारण
डिंडौरी स्टार स्टेज परिवार की ओर सुरों के सरताज मोहम्मद रफी को 'रफी की रूहानियत' म्यूजिकल ईव में अनोखे अंदाज में स्वरांजलि दी। नगर के फनकारों ने उनके जन्मदिन पर आयोजित लाइव ईवनिंग प्रोग्राम में सुरों की माला पिरोई। 'तुम मुझे यूं भूला न पाओगे, जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग-संग तुम भी गुनगुनाओगे...' से शुरू हुआ सदाबहार तरानों का सफर मशहूर गीतकार हसरत जयपुरी के शेर 'अगर मर गया रूह आया करेगी, तुझे देखकर गीत गाया करेगी...' पर आकर थमा। करीब दो घंटे के ईवनिंग प्रोग्राम का लाइव प्रसारण यू-ट्यूब और फेसबुक पर भी किया गया। गायक शुभम ने रफी साहब का गाया गीत सुनाकर प्रोग्राम को बेहतरीन ट्यूनिंग दी। फिर 'डिंडौरी की आवाज' सीजन-2 विनर लक्ष्मी ने शाम को और भी खुशगवार बना दिया। प्रोग्राम को ऊर्जा दी डिंडौरी स्टार स्टेज के मेंटर और दिलचस्प फनकार दीपक पांडे ने, जिन्होंने नासाज सेहत के बावजूद 'चौदहवीं का चांद हो...' गीत सुनाकर श्रोताओं को अपना कद्रदान बना लिया।
ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें...
एक के बाद एक सुरों की शानदार बरसात के बीच रूहानी फुहार बनकर आईं गायक सोनाली नेपाली और यंग टैलेंट शुभम ने 'ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें...' पर सुरीली जुगलबंदी की। मौसिकी की महफिल में डिंडौरी स्टार स्टेज प्रमुख मिंटू जोशी, सचिव व प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर अकील अहमद सिद्दीकी, उपाध्यक्ष कमलेश अवधिया, सदस्य तकाज अहमद मंसूरी सहित अन्य कलाकारों ने भी जमकर तालियां बटोरीं। इसी क्रम में सीजन-2 की रनर-अप पारुल जैन और दीपक पांडे के 'कितना प्यारा वादा है इन मतवाली आंखों का...' की दिलकश बानगी दी। श्रोताओं ने फनकारों के साथ प्रोग्राम ऑडियो को-ऑर्डिनेटर प्रतीक गुप्ता, विजुअल को-ऑर्डिनेटर अविनाश टांडिया और कैमरा टेक्निकल सपोर्टर पवन चौरसिया के योगदान को भी जमकर सराहा।