लॉकडाउन स्ट्रेस | डिंडौरी जिले में 70% स्कूल स्टूडेंट्स के पास नहीं एंड्रॉइड फोन, कैसे पूरी होगी शिक्षा विभाग की ऑनलाइन स्टडी की मंशा

  • आदेश | जिले के स्कूलों में प्राइमरी से हायर सेकंडरी तक की क्लासेस ऑनलाइन होंगी संचालित

  • समस्या | कहीं फोन नहीं, कहीं नेटवर्क प्रॉब्लम, कहीं बिजली गुल, कहीं तकनीकी ज्ञान की कमी 


डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी


डिंडौरी मुख्यालय सहित जिले के लगभग सभी विकासखंडों व पंचायतों के स्कूलों स्टूडेंट्स की संख्या हजारों में है। सभी बच्चों के पालक इतने समर्थ नहीं कि एंड्रॉइड फोन वहन कर सकें। जिले में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 70 फीसदी से अधिक है। लिहाजा उनके पास एंड्रॉइड फोन की उपलब्धता नहीं है। डिंडौरी आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहां शत प्रतिशत तकनीकी माहौल होना संभव नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई ऑनलाइन स्टडी की पद्धति कहां तक कारगर होगी, यह नहीं कहा जा सकता। इस स्थिति में जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फेल होती दिख रही है। मौजूदा हालातों में बिजली और इंटरनेट कनेक्शन की दिक्कतें भी प्रभावी हैं, जिससे जिले के स्कूल स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ाई नहीं करा पा रहे हैं। हालांकि शहरी क्षेत्रों में कुछ जगह शिक्षक ग्रुप बनाकर भी पढ़ाई करा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों में इसका लाभ बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा है। लॉकडाउन के कारण अप्रैल में स्कूल बंद होने से शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चो के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई है, लेकिन इसका लाभ महज 30-40 फीसदी बच्चों को ही मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार का आदेश स्कूलों, शिक्षकों और बच्चों के लिए लॉकडाउन स्ट्रेस बन गया है। 



शिक्षकों को मिले वॉट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को जोड़ने के निर्देश लेकिन जोड़ें कैसे


शिक्षकों का कहना है, शिक्षा विभाग ने बच्चों को वॉट्एसप ग्रुप बनाकर जोड़ने के निर्देश दिए हैं। लेकिन हम भी मजबूर हैं क्योंकि जिले के ज्यादातर क्षेत्रों की व्यवस्थाएं ऑनलाइन स्टडी लायक उपयुक्त नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोगों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं हैं। ऐसे में उन्हें वॉट्सएप ग्रुप से कैसे जोड़ें, यह की समझ से परे है। इस स्थिति में काफी बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। उनकी पढ़ाई समय से पूरी कराने का दबाव भी हम पर ही आएगा।



ग्रामीण क्षेत्रों के पैरेंट्स ने कहा : रोजगार बंद, रुपए खत्म... ऐसे में कैसे खरीदें स्मार्टफोन 


जिले के मजदूर वर्ग के पैरेंट्स बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण उनके पास रोजगार नहीं है। काम-धंधे बंद होन की वजह से पैसे की तंगी होना लाजिमी है। फिलहाल राशन-पानी की व्यवस्था भी बड़ी मुश्किल से हो पा रही है। फिर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन कैसे खरीदेंगे। कई गांवों में नेटवर्क की भारी समस्या है, तो कई-कई घंटे बिजली गुल रहती है।



जिला शिक्षा अधिकारी बोले- प्राइमरी से हायर सेकंडरी तक चलेंगी ऑनलाइन क्लासेस


शासन के निर्देशों के अनुसार जिले में प्राइमरी, मिडिल, हाई स्कूल और हायर सेकंडरी के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गई हैं। 11 मई से दूरदर्शन पर हफ्ते में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार) दिन में दो बार ऑनलाइन कक्षाओं का प्रसारण किया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय ने 'क्लासरूम' को दूरदर्शन के सहयोग से 10वीं व 12वीं की अवधारणों के साथ तैयार किया है। इसमें एक घंटे में विषयवार कठिन अवधारणाओं पर वीडियो दिखाए जाएंगे। कक्षा 10वीं के लिए दोपहर 12 से 01 बजे और 12वीं के लिए दोपहर 03 से शाम 04 जबे तक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा।   


- राघवेंद्र मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी, डिंडौरी


कंटेंट सपोर्ट | रवि राज बिलैया (पत्रिका, डिंडौरी)


 


Comments
Popular posts
श्रीऋणमुक्तेश्वर मंदिर कुकर्रामठ... यहां स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने से मिलती है पितृ-देव-गुरु-ऋण से मुक्ति
Image
10th Result | हाईस्कूल परीक्षा में डिंडौरी के टॉप-02 में मदर टेरेसा स्कूल के 04 स्टूडेंट्स, टॉप-03 में राजूषा स्कूल डिंडौरी और शहपुरा मदर टेरेसा स्कूल से 1-1 स्टूडेंट
Image
डगोना... 'एक डग में लांघने वाला जलप्रपात', इसे मिनी भेड़ाघाट भी कहते हैं!
Image
फैक्ट चैक | गलत अर्थ के साथ वायरल हो रहा श्रीरामचरित मानस का दोहा-चौपाई, बनारस के विद्वानों ने बताई सच्चाई
Image
लक्ष्मण मड़वा : श्रीराम के वनवास काल का गवाह है यह स्थान, इसे रामघाट भी कहते हैं
Image