एजुकेशनल अपडेट | प्राइवेट स्कूलों को मान्यता नवीनीकरण के लिए राज्य सरकार ने दी एक साल की रियायत

 


डीडीएन रिपोर्टर | भोपाल/डिंडौरी


राज्य शासन ने कोविड-19 के संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों को मान्यता नवीनीकरण के लिए एक साल की छूट दी है। यह अवधि पहले भी दो बार बढ़ाई जा चुकी है। लॉकडाउन का समय 03 मई तक बढ़ाए जाने पर संस्थाओं को होने वाली कठिनाइयों और छात्रहित को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च 2021 तक के लिए प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को यथावत मान्य किया जाएगा।



मान्यता नियमों में वर्णित मापदंडों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य 


मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) से संबद्ध ऐसे सभी प्राइवेट हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल, जिनकी मान्यता 31 मार्च, 2020 को समाप्त हो गई है, उन्हें मप्र माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं के मान्यता नियम 2017 (यथा संशोधित 03 मार्च 2020) के नियम 06 अनुसार मान्यता नवीनीकरण के लिए इस साल छूट दी गई है। ऐसे स्कूलों की मान्यता 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए मान्य होगी। ऐसे स्कूलों को मान्यता नियमों में वर्णित मापदंडों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा।


2020-21 के मान्यता नवीनीकरण के लिए तय फीस आगामी सत्र तक के लिए स्थगित


सभी स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मान्यता नवीनीकरण के लिए निर्धारित शुल्क आगामी सत्र तक के लिए स्थगित किया गया है। भविष्य में मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन करते समय यह शुल्क जमा करना होगा। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के नवीन मान्यता के लिए एमपी ऑनलाइन के मान्यता पोर्टल पर आवेदन अपलोड करने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 मई 2020 कर दी गई है।


न्यूज सोर्स : Department of School Education, Madhya Pradesh


Comments
Popular posts
श्रीऋणमुक्तेश्वर मंदिर कुकर्रामठ... यहां स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने से मिलती है पितृ-देव-गुरु-ऋण से मुक्ति
Image
10th Result | हाईस्कूल परीक्षा में डिंडौरी के टॉप-02 में मदर टेरेसा स्कूल के 04 स्टूडेंट्स, टॉप-03 में राजूषा स्कूल डिंडौरी और शहपुरा मदर टेरेसा स्कूल से 1-1 स्टूडेंट
Image
डगोना... 'एक डग में लांघने वाला जलप्रपात', इसे मिनी भेड़ाघाट भी कहते हैं!
Image
फैक्ट चैक | गलत अर्थ के साथ वायरल हो रहा श्रीरामचरित मानस का दोहा-चौपाई, बनारस के विद्वानों ने बताई सच्चाई
Image
लक्ष्मण मड़वा : श्रीराम के वनवास काल का गवाह है यह स्थान, इसे रामघाट भी कहते हैं
Image