- सामुदायिक भवन डिंडौरी में आयोजित महिला शक्ति नेतृत्व संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं छग की युवा सरपंच अवॉर्डी ऋतु पंद्राम
- जयस के आयोजन में गोंडी चित्रकार चंपीबाई सैयाम, रेखा पंद्राम और निशात अरशी भी मौजूद रहीं, महिला अधिकारों पर हुई चर्चा
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रविवार को जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) और गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से महिला शक्ति संवर्धन नेतृत्व संवाद का आयोजन किया गया। इसमें गौरेला (छत्तीसगढ़) के सर्बाहारा गांव की युवा सरपंच ऋतु पंद्राम मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थीं। उन्होंने आधुनिक दौर में आदिवासी महिलाओं के समक्ष चुनौतियों और उनसे लड़ने के उपायों पर बात की। वहीं, गोंडी चित्रकार चम्पीबाई सैयाम, रेखा पंद्राम और निशाद अरशी ने भी महिलाओं के अधिकारों की आवाज उठाई। ऋतु ने कहा, आज शिक्षा, राजनीति, प्रशासन... हर क्षेत्र में महिलाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हम एकजुट होकर खुद मजबूत बनें और समाज को मजबूती देने में सहायक बनें। राष्ट्र निर्माण में आदिवासी युवाओं को जाति, धर्म, संप्रदाय की मानसिकता से हटकर योगदान देना होगा। बता दें कि ऋतु पंद्राम को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से यंगेस्ट (23 साल) सरपंच अवॉर्ड मिल चुका है। वे महिला सशक्तीकरण पर यूएन की ओर से अमेरिका में आयोजित ईवेंट में बात भी रख चुकी हैं। कार्यक्रम में उन्होंने सरपंच के रूप में व्यक्तिगत, प्रशासनिक और समाजिक परेशानियों का अनुभव शेयर किया।
महिलाओं ज्यादा से ज्यादा शिक्षा हासिल करें, तभी बन पाएंगी सक्षम
इसी क्रम में मेकलसुता कॉलेज में राजनीति शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर निशाद अरशी ने भी महिला शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हर महिला के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है क्योंकि यही वह चाबी है जो तमाम चुनौतियों का ताला खोलेगी। मध्यप्रदेश की पहचान गोंडी चित्रकार चंपीबाई श्याम ने आदिवासी चित्रकला, चित्रकारी से स्वरोजगार और ग्लोबल एक्सपोजर पर अपनी बात रखी। परियोजना अधिकारी नीतू तिलगाम ने महिलाओं के लिए संचालित सरकारी योजनाओं एवं आदिवासी समाज की महिलाओं की स्थिति पर वक्तव्य दिया। वरिष्ठ समाज सेविका पुष्पा तेकाम ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की जरूरत और इसका इतिहास बताया। साथ ही महिला शिक्षा आंदोलन में सावित्रीबाई फुले के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कौशल्या मरावी, रोशनी पाल, बबीता मरावी, डॉ. दिग्विजय मरावी और अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने नारीशक्तियों का आभार व्यक्त किया।