डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/शहपुरा
शहपुरा ब्लॉक के ढोंढ़ा स्थित शंकर घाट में नवरात्र के पावन अवसर पर सात दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में बुधवार को कथावाचक नीता भारती ने प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े विविध प्रसंगों का वर्णन किया। कथा का आयोजन पूज्य संत भगत गिरी बच्चू महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। इसमें ढोंढ़ा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथामृत का पान कर पुण्यलाभ प्राप्त किया। कथा स्थल में विधि-विधान से शतचण्डी यज्ञ का आयोजन भी हुआ। आयोजकों ने बताया कि कथा की रसधारा नवरात्र की नवमीं तिथि तक बहती रहेगी।
श्रीराम से सीखें जीवन को अलौकिक बनाने की पद्धति
कथावाचक ने कहा कि हम भगवान राम के जीवन से कई महत्वपूर्ण बातें सीख सकते हैं। उन्होंने कभी पिता की आज्ञा नहीं टाली और माता का कभी अपमान नहीं किया। महर्षि वाल्मीकि लिखित रामायण में श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया गया है। वह भगवान विष्णु के अवतार थे। उनके आचरण में हम सदा पवित्रता देख सकते हैं, जो आज हमारे जीवन से गायब हो चुकी है। माता कैकेयी चाहती थीं उनके पुत्र भरत राजा बनें, इसलिए उन्होंने श्रीराम को पति दशरथ द्वारा 14 वर्ष का वनवास दिलाया। पिता नहीं चाहते थे कि राम वनवास जाए लेकिन पिता का वचन पूरा करना था। भगवान राम भलीभांति जानते थे पिता वचन की खातिर मजबूर हैं। इसलिए श्रीराम ने अयोध्या का राजपाठ त्यागकर वनवास को चुना और हर कष्ट सहकर भी पिता की आज्ञा का पालन किया।