जनप्रतिनिधि... यानी जनता के सुख-दुख में बराबरी से शरीक होने वाला हमसाया। समाज के वंचित वर्ग का कष्ट कम करने के लिए खुद कष्ट उठाने वाला हमदर्द। आम नागरिकों की खुशियों को दोगुना और तकलीफों को मिटाने वाला किरदार। जनप्रतिनिधि के जनसरोकार का ऐसा ही उदाहरण डिंडौरी भाजपा महामंत्री अवध राज बिलैया ने सोमवार को प्रस्तुत किया। दरअसल, नगर के वार्ड-01 में आज सुबह धर्म सिंह बनवासी नामक बुजुर्ग ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस की शुरुआती कार्यवाही के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाना था, लेकिन शव वाहन का ड्राइवर उपलब्ध न होने के कारण अनावश्यक देरी हो रही थी। पुलिस भी आगे की कार्यवाही के लिए इंतज़ार कर रही थी। शव वाहन का ड्राइवर ब्लड कलेक्शन एंड ट्रांसपोर्टेशन वैन लेकर जिला स्तरीय रक्तदान शिविर के लिए भाजपा कार्यालय क्षेत्र में गया था। इसकी जानकारी जैसे ही अवध राज को मिली, उन्होंने खुद ही शव वाहन की स्टीयरिंग संभाली और तत्काल शव लेने के लिए वार्ड-1 पहुंच गए। एक जनप्रतिनिधि की इस एप्रोच ने लोगों को हैरत में डाल दिया। युवा समाजसेवी शुभम पांडे और अविनाश सैनी ने भी इस काम में तत्परता दिखाई।
जनता ही जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता, जनसरोकार पहला लक्ष्य...
अवध ने कहा कि शव को फंदे से उतारे काफी समय बीत चुका था और आगे की कार्यवाही के लिए पुलिस व स्वास्थ्य विभाग विलंब हो रहा था। इसलिए उन्होंने खुद ही शव वाहन लेकर मौके पर पहुंचना उचित समझा। जनता ही जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता है। ...और उन्होंने इसी वाक्य को ध्यान में रखकर कदम बढ़ाया। यही नहीं, उन्होंने मृतक के परिजनों से मिलकर उनका हाल जाना और किसी भी प्रकार की मदद का भरोसा दिलाया। डिंडौरी के नागरिक अपने जनप्रतिनिधि से इसी तरह की 'मॉरल पॉलिटिक्स' की अपेक्षा रखते हैं। उम्मीद है कि जिले के सभी जनप्रतिनिधि ऐसे ही जनसरोकार की भावना लेकर जनता के लिए डटे रहेंगे।