हिंदी दिवस विशेष | हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीयों के हृदय की धड़कन है : प्रो. पीएस चंदेल

  • डिंडौरी जिले के धमनगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में हिंदी दिवस पर हिंदी पखवाड़े का समापन, विद्यार्थियों ने सुनाई स्वरचित कविताएं



डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी

डिंडौरी जिले के धमनगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में मंगलवार को हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर हिंदी पखवाड़े का समापन किया गया। पहली कड़ी में कक्षा 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों ने कविता पाठ किया। इसके बाद अतिथियों का उद्बोधन हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शासकीय चंद्रविजय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. पीएस चंदेल ने कहा, हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भारतीयों के दिल की धड़कन है। इसे हम आत्मसात करें और प्रचार-प्रसार पर भरपूर ध्यान दें। प्रो. चंदेल ने इतिहास के झरोखों से हिंदी भाषा की महत्ता बताई और विद्यार्थियों से लेखन की दिशा में कदम बढ़ाने की सीख दी। 



जितना अच्छा पढ़ेंगे, उतना अच्छा लिख पाएंगे : रविराज बिलैया

विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल युवा फ़िल्म गीतकार रविराज बिलैया ने विद्यार्थियों को हिंदी काव्य लेखन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, काव्य लेखन के लिए साहित्य पढ़ने की आदत डालें। आप जितना अच्छा पढ़ेंगे उतना ही अच्छा लेखन कर पाएंगे। कविता लेखन हिन्दी साहित्य एक खूबसूरत विधा कहलाती है। जिस तरह अलंकार किसी गद्य या पद की शोभा में चार चाँद लगा देते हैं, उसी तरह कविता लेखन में शब्द कविता की आत्मा कहलाते हैं। शब्द, जो कविता के लय, ताल, भावों की अभिव्यक्ति के संगम के रूप में सबको सहज ही आकर्षित कर सकें वही शब्द कविता की जान होते हैं। कविता में शब्दों का प्रयोग केवल रसात्मक या कर्णप्रिय अभिव्यक्ति ही नहीं है, बल्कि कविता में पिरोये गए शब्द वो प्रभावशाली और प्रेरक तथ्य है, जो कानों के माध्यम से हृदय को आंदोलित करने की क्षमता रखता हो।



हिंदी पत्रकारिता में रोजगार के अनेक अवसर : रामकृष्ण गौतम

अगली कड़ी में युवा पत्रकार रामकृष्ण गौतम ने हिंदी पत्रकारिता में भविष्य और रोजगार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिंदी पत्रकारिता में रोजगार के कई अवसर हैं। दुनिया में हर प्रासंगिक घटना के बारे में जानकारी फैलाने के लिए पत्रकारिता की भूमिका है। समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन और हाल ही में नए मीडिया-इंटरनेट ने जिस तरह से समाचार को प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किया है, उसने पूरी तरह से क्रांति ला दी है। इस अभ्यास में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज पत्रकारिता न केवल एक प्रतिष्ठित पेशा है, बल्कि एक चुनौतीपूर्ण रोजगार विकल्प के लिए भी खड़ा है। पत्रकार किसी भी राष्ट्र की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मुद्दों पर जनता को सूचित करना, शिक्षित करना और उनका ज्ञानवर्धन करना है।



प्राचार्य डॉ. हर्ष प्रताप सिंह ने गीता-रामायण के माध्यम से दी सीख

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्राचार्य डॉ. हर्ष प्रताप सिंह ने रामायण, श्रीमद्भागवत गीता आदि के माध्यम से हिंदी भाषा की गरिमा और महत्ता का बखान किया। उन्होंने कहा कि हिंदी की सुंदरता का वर्णन कर पाना सम्भव नहीं है। इससे जुड़कर और इसमें डूबकर ही इसकी गहराई को समझा जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों ने पुरस्कृत कर उनका उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र सोनकर, संचित बनर्जी, एनके आर्य, प्रतिभा राउत, माधुरी शर्मा, रामानन्द जी, योगेश्वर शर्मा, आभा बोरकर, अजय साहू आदि उपस्थित रहे।







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