SOCIAL CONCERN | डिंडौरी जिले के 52 गांवों में समिति बनाकर सेक्टर स्तर पर पदाधिकारी नियुक्त करेगा राठौर समाज, जिला स्तरीय बैठक में युवा मोर्चा का गठन

  • रघुनाथ सिंह राठौर जिलाध्यक्ष और दशरथ सिंह बिलागर बने सचिव, हरिहर पाराशर सहित चार लोगों को मिली उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी



डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी

डिंडौरी जिले में राठौर-राजपूत समाज की गतिविधियों को ऊंचाई देने के लिए रविवार को पुरानी डिंडौरी में जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इसमें सभी सदस्यों की मौजूदगी में युवा मोर्चा का गठन हुआ, जिसकी जिम्मेदारी रघुनाथ सिंह ठाकुर को सौंपी गई है। वहीं, हरिहर पराशर, खेमकरण सिंह राजपूत, कृष्ण कुमार राजपूत और गणेश राजपूत को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। दशरथ सिंह बिलागर को सचिव, इंद्रकुमार चंदेल को कोषाध्यक्ष और चेतराम राजपूत को मीडिया प्रभारी बनाया गया है। बैठक में सहमति बनी कि 13 अगस्त को नगर में वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ की जयंती भव्यता के साथ मनाई जाएगी। सामाजिक संगठन को मजबूत करने के लिए जिले के 52 गांवों में समिति बनाकर सेक्टर स्तर पर पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। एक सेक्टर में पांच गांवों को शामिल किया जाएगा। बैठक में सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए एकजुट रहकर योगदान देने की अपील की गई। कोरोना संकट के कारण चरमरा चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से गांवों में कक्षाएं चलाकर बच्चों को पढ़ाया जाने पर भी सहमति बनी। बैठक में मदन सिंह ठाकुर, गणेश ठाकुर, नंदू ठाकुर, खेमकरण राजपूत, मूरत सिंह, मोहित सिंह, रामकुमार ठाकुर, तोताराम ठाकुर, शिवदयाल ठाकुर, विक्रम ठाकुर, इंद्रकुमार चंदेल, गामू परमार, हेमसिंह राजपूत, शिवकुमार ठाकुर, कपिल बिलागर, कामता ठाकुर, एडवोकेट रिखीराम दुर्वासा, रमेश गौतम, लल्ला सिंह, तान सिंह, राममिलन मोहारी, उमेश पाराशर, कुलदीप चौहान, सुरेश राजपूत, बबलू गौतम, कुबेर चंदेल, राममिलन राठौर, राहुल पाराशर, शैलेश गौतम, राममिलन राठौर, मोहन सिंह ठाकुर आदि मौजूद थे।



राजनीतिक दलों की उपेक्षा का शिकार राठौर समाज 

बैठक के दौरान राठौर समाज के अध्यक्ष डॉ. ओमकार सिंह चंदेल ने कहा कि जिले के 50 से अधिक गांवाें में समाज के नागरिक निवासरत हैं। फिर भी हमें राजनीतिक दलों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य दलों में समाज के लोग समर्पण के साथ सेवाएं देते आ रहे हैं। लेकिन पार्टियां उन्हें उचित पदों पर काम करने का अवसर नहीं देतीं। डॉ. चंदेल ने समाज में सुधार लाने के लिए वरिष्ठ और युवा साथियों से राजनीतिक दलों से जुड़ने का आग्रह किया।



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