DDN UPDATE | भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने डिंडौरी में मां नर्मदा किनारे स्थित मीट-मछली मार्केट को हटाने पहुंचे नप अमले के कार्य में डाली बाधा, हाथ बांधे खड़े रहे SDM और CMO

  • भाजपा ने नगर परिषद चुनाव के मैनिफेस्टो में प्रमुखता से शामिल किया था मीट-मछली मार्केट को मां रेवा तट से हटाने का मुद्दा 



डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी

डिंडौरी में मां नर्मदा तट पर सालों से लगते आ रहे मीट-मछली मार्केट को रविवार को हटाने पहुंचे नगर परिषद के प्रशासनिक अमले के कार्य में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री व पूर्व कैबिनेट मंत्री ने बाधा डाली। यह नजारा मौके पर मौजूद जनता भी खुले तौर पर देख रही थी और डिंडौरी SDM महेश मंडलोई व नप CMO राकेश कुमार शुक्ला हाथ बांधे खड़े थे। भाजपा नेता धुर्वे ने मार्केट शिफ्ट करने आई प्रशासनिक टीम को गरीबाें की रोजी-रोटी का हवाला देकर जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने सरकारी काम में रुकावट डाली और मीट-मछली मार्केट को नहीं हटने दिया। अंतत: प्रशासनिक टीम को हार मानकर बैरंग लौटना पड़ा। आज दोपहर मार्केट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए मां नर्मदा तट पर SDM की मौजूदगी में नगर परिषद की टीम पहुंची थी, लेकिन जब तक नप का अमला कोई कार्रवाई शुरू कर पाता, तभी पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे वहां आ गए और अमले के साथ बहसबाजी शुरू कर दी। क्षेत्र के कद्दावर नेता की यह हरकत सभी के समझ से परे थी। जबकि मार्केट को मां रेवा की सीमाओं से दूर करने का जिक्र भाजपा ने ही पूर्व में नगर परिषद चुनाव के मैनिफेस्टो में प्रमुखता से शामिल किया था। यह अहम मुद्दा नगर के समाजसेवियों ने समय-समय पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में भी उठाया है। हालांकि किन्हीं कारणों से मार्केट मां नर्मदा तट से नहीं हटाया जा सका। नप अध्यक्ष पंकज सिंह टेकाम सहित कई नेताओं और आम नागरिकों ने पूर्व मंत्री धुर्वे के बर्ताव को पूरी तरह गलत ठहराया है। 




नालों के जरिए मां नर्मदा में समाहित हो रही गंदगी

मां रेवा पर आस्था रखने वाले धर्मावलंबियों ने भी भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री के व्यवहार की आलोचना की है।उन्होंने कहा कि मीट-मछली मार्केट से मां नर्मदा की दूरी चंद कदमों की है और मार्केट के दोनों तरफ दो बड़े नाले भी स्थित हैं। मीट-मछली विक्रेता मांस काटने-पीटने के बाद दिनभर की एकत्रित गंदगी नालो में फेंक देते हैं, जो सीधे मां नर्मदा में जाकर मिल जाती हैं। बहरहाल, मौके पर जो हुआ वह सबने देखा, लेकिन भाजपा नेता ने प्रशासनिक महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल दागकर रसूखदारों को राहत और गरीबों की आफत वाली बात सच साबित कर दिया। यहां बेशक भाजपा नेता ने प्रशासनिक महकमे की कार्यप्रणाली पर चुटकी ली हो, लेकिन यह भी तय है कि भरी बरसात प्रशासन किसी की रोजी-रोटी के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता... वह भी तब, जब कोरोना महामारी के कारण आम आदमी लंबे समय तक लॉकडाउन के दर्दनाक दौर से गुजरा हो। आज उपजी स्थिति को देखकर यही कहा जा सकता है कि मां नर्मदा का पवित्र आंचल मैला न हो, इसके लिए प्रशासन एक ठोस नीति बनाकर उस पर अमल करे। 

यहां देखें घटना से जुड़ा वीडियो 👇





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