- दोषी पुलिसकर्मियों में तात्कालिक SI छोटेलाल वरकड़े, HC घनश्याम द्विवेदी और इंस्पेक्टर गिरवर सिंह उइके का नाम, एक महीने में विभागीय जांच पूरी करने की भी अनुशंसा
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने साल 2019 में डिंडौरी पुलिस की कस्टडी में चार व्यक्तियों से मारपीट के मामले में अनुशंसा की है कि राज्य सरकार सभी पीड़ितों को एक महीने में ₹10-10 हज़ार की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करे। आयोग ने बुधवार को कहा कि पुलिस ने पीड़ितों को विधि विरुद्ध अभिरक्षा में रखकर प्रताड़ना दी, जिससे उनके जीवन व सुरक्षा के अधिकार का हनन हुआ। लिहाजा, राज्य शासन पीड़ितों को तय समयावधि में क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। शासन चाहे तो यह राशि संबंधित दोषी पुलिस अधिकारियों से वसूल कर सकता है। प्रकरण के अनुसार पुलिस ने पीड़ित प्रमोद कुमार श्याम, दिलीप सिंह उद्दे, विजय कुमार बनवासी और कुशल कुमार को नियम विरूद्ध अभिरक्षा में रखा और उन्हें विविध प्रताड़ना दी। आयोग ने यह भी कहा कि संबंधित थाने के दोषी सब-इंस्पेक्टर छोटेलाल वरकड़े, हेड कॉन्स्टेबल घनश्याम द्विवेदी और इंस्पेक्टर गिरवर सिंह उइके की विभागीय जांच भी एक महीने में पूरी की जाए। साथ ही अवैधानिक अभिरक्षा और प्रताड़ना के लिए आपराधिक कृत्य में शामिल पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही भी की जाए।