Face Of Dindori | एक्ट्रेस विद्या बालन के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी डिंडौरी के मुड़िया खुर्द की आराधना सिंह परस्ते, बॉलीवुड फिल्म ‘शेरनी’ में निभाया लेडी फॉरेस्ट गार्ड का रोल

  • मप्र नाट्य विद्यालय (MPSD) भोपाल से पासआउट हैं आराधना, जबलपुर के SGBM इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस में ली इंजीनियरिंग की डिग्री
  • पिता केवल सिंह परस्ते अमरपुर ब्लॉक में सरकारी टीचर और मां तिलकवती होममेकर, पैरेंट्स ने सिखाया सपनों के साथ जिंदगी जीना 

गौतम आरके • डिंडौरी/भोपाल

डिंडौरी जिले के साथ भले ही ‘ट्राइबल डिस्ट्रिक्ट’ का टैग लगा हो, लेकिन यहां के एंबीशियस यूथ को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह इस टैग को हटाने के लिए धारा के विपरीत जाकर अपना योगदान दे रहे हैं। एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर के साथ अब जिले के युवा सिनेमा की कसौटियों पर भी खुद को साबित कर रहे हैं। डिंडौरी के शाहपुर के ग्राम मुड़िया खुर्द की होनहार थिएटर आर्टिस्ट आराधना सिंह परस्ते को बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन स्टारर फिल्म ‘शेरनी’ के लिए कास्ट किया गया है। फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है। रिलीज 2021 में प्रस्तावित है। आराधना लंबे समय से जबलपुर और भोपाल में थिएटर कर रही हैं। वह डिंडौरी से इसी साल रजिस्टर आदि रंग नाट्य संस्था की उपाध्यक्ष और जबलपुर के फेमस थिएटर ग्रुप विवेचना रंगमंडल की सक्रिय सदस्य भी हैं। आइए, हम आपको आराधना से रूबरू कराते हैं। 

छोटी सी जगह से निकलकर बड़े परदे तक पहुंचने का सफर

डिंडौरी जिले के छोटे से गांव मुड़िया खुर्द में जन्मी और पली-बढ़ी कलाकार आराधना सिंह परस्ते जल्द ही बड़े परदे पर नजर आएंगी। उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन, एक्टर शरत सक्सेना, एक्टर नीरज काबी और एक्टर विजय राज स्टारर फिल्म ‘शेरनी’ में बड़ा रोल मिला है। आराधना ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि एक्टिंग उनका शौक है और वह बीते छह साल से अपने शौक को बखूबी जी रही हैं। इसी वजह से उन्होंने भोपाल स्थित मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय (MPSD) से कोर्स भी किया। आराधना ने जबलपुर से इंजीनियरिंग (कंप्यूटर साइंस) की पढ़ाई के दौरान एक्टिंग में हाथ आजमाना शुरू किया। 2014 से 2018 तक उन्होंने स्टडी के बाद बचने वाले खाली समय का सदुपयोग किया और विवेचना रंगमंडल से जुड़ीं। यहां आराधना ने जमकर मेहनत की और ‘पांचाली’ सहित कई प्रसिद्ध नाटकों में अहम किरदार निभाए। भोपाल में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने कई नाटकों में अभिनय किया। इनमें ‘चीफ की दावत’, ‘हंसा कर ले किलोल’, ‘कहानियों का रंगमंच’, ‘चीफ की दावत’, ‘ब्यूरी द डेड’, ‘कोर्ट मार्शल’ जैसे ड्रामा खास हैं। आराधना ने पहली से 10वीं तक की शिक्षा चाचा के पास राजगढ़ में रहकर हासिल की। इसके बाद डिंडौरी आकर सरस्वती शिशु मंदिर से मैथ्स ग्रुप से 11वीं-12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने जबलपुर के SGBM इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री भी प्राप्त की है। वह अपने हुनर का सारा क्रेडिट मां तिलकवती और पिता केवल परस्ते को देती हैं।

कोरोनाकाल के पहले फरवरी में दिया था 'शेरनी' का ऑडिशन 

आराधना ने फिल्म ‘शेरनी’ के लिए कोरोनाकाल के पहले फरवरी 2020 में जबलपुर में ऑडिशन दिया था। इसमें उनके थिएटर का अनुभव काम आया। फिल्म के लिए कास्टिंग डायरेक्टर की अपेक्षाओं और रोल की कसौटियों पर खरा उतरकर आराधना ने फिल्म में लेडी फॉरेस्ट गार्ड का किरदार हासिल किया। उन्होंने बताया कि सेट पर उन्हें कई दफा विद्या बालन, शरत सक्सेना और नीरज काबी के साथ कैमरा शेयर करने का मौका मिला। यह अनुभव उनके लिए खास है और वह इसे हमेशा के लिए संजोकर रखना चाहेंगी। 

 जिले में थिएटर को बढ़ावा देने शुरू की ‘आदि रंग नाट्य’ संस्था 

आराधना ने डिंडौरीडॉटनेट से खास बातचीत में कहा, ‘मैं खुद के साथ अपने जिले के लिए भी कुछ बेहतर प्रयास करना चाहती हूं। इसी सोच के साथ जिले के कुछ युवाओं के साथ हमने आदि रंग नाट्य संस्था की शुरुआत की है। इसका रजिस्ट्रेशन 2020 में ही कराया गया है। मेरी सहयाेगी वंदना मानिकपुरी संस्था की प्रेसिडेंट हैं और मैं वाइस प्रेसिडेंट हूं। विनोद कांसकर सचिव की भूमिका में हैं। संस्था के माध्यम से जिले के थिएटर से जुड़े टैलेंट को निखारकर प्रतिष्ठित मंच प्रदान किए जाएंगे। डिंडौरी कला, संस्कृति और सभ्यता की दृष्टि से काफी संपन्न जिला है। अगर लोकल टैलेंट को वोकल बनाकर प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जाए तो हम ट्राइबल डिस्ट्रिक्ट के टैग को काफी पीछे छोड़कर डिंडौरी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकेंगे और एक अलग पहचान दे पाएंगे। मुझे खुशी है कि मैं जिले के लिए कुछ करने लायक दिशा में बढ़ रही हूं।’

माता-पिता ने न कभी रोका, न टोका... हमेशा मोटिवेट किया

आराधना की कला को निखारने में सबसे ज्यादा योगदान पिता केवल परस्ते और मां तिलकवती का है। पिता अमरपुर ब्लॉक में सरकारी टीचर हैं और टीचर होने के नाते उन्हें बच्चों का टैलेंट समझना अच्छे से आता है। आराधना कहती हैं, ‘मम्मी-पापा ने कभी भी मुझे मेरे सपनों को लेकर रोका-टोका नहीं। जब भी, जो भी करने की इच्छा जताई, उन्होंने हमेशा सपोर्ट और मोटिवेट किया।’ उनके परिवार में माता-पिता के साथ छोटा भाई अनुराग परस्ते भी हर सुख-दुख का साझेदार है। वह चाचा के पास राजगढ़ में रहकर 10वीं की पढ़ाई कर रहा है।

Comments
Popular posts
10th Result | हाईस्कूल परीक्षा में डिंडौरी के टॉप-02 में मदर टेरेसा स्कूल के 04 स्टूडेंट्स, टॉप-03 में राजूषा स्कूल डिंडौरी और शहपुरा मदर टेरेसा स्कूल से 1-1 स्टूडेंट
Image
10th Result | अमरपुर के अमर ज्योति विद्यालय के 38 में से 38 और विद्या मंदिर के 29 में 25 स्टूडेंट्स फर्स्ट डिवीजन में पास, कनक मरावी ब्लॉक टॉपर
Image
किकरकुंड फॉल... डिंडौरी से 75 किमी दूर स्थित प्राकृतिक स्थल, हर ऋतु में जवां रहती है यहां की फिजा...
Image
Dindori Needs Railways | डिंडौरी को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए डिंडौरी डेवलपमेंट फेडरेशन ने SDM महेश मंडलोई को सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन
Image
फैक्ट चैक | गलत अर्थ के साथ वायरल हो रहा श्रीरामचरित मानस का दोहा-चौपाई, बनारस के विद्वानों ने बताई सच्चाई
Image