डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी जिले समेत देशभर में रविवार की शाम अकीदतमंदों ने चांद का दीदार किया। इसी के साथ सोमवार को मुकद्दस माह-ए-रमजान के पवित्र पर्व ईद-उल-फितर की खुशियां मनाई जाएंगी। ऐसा पहली बार है, जब ईद के पहले बाजार पूर्व की तरह गुलजार नहीं रहे और ईदगाह व मस्जिद को बंद होने की वजह से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चांद रात की चहल-पहल नहीं दिखी। ईद-उल-फितर दुनियाभर में मनाए जाने वाले सबसे खास मुस्लिम त्योहारों में से एक है। भारत और अरब देशों में लोग बड़ी ही उत्सुकता से ईद के एक दिन पूर्व शाम को चांद का दीदार करते हैं। केरल और जम्मू-कश्मीर में रविवार को ईद मनाई गई। वहीं, डिंडौरी समेत पूरे देश में 25 मई को मनाई जाएगी। इस साल पहली बार धर्मावलंबियों को सीमाओं में रहकर बिना हाथ मिलाए व गले मिले त्योहार मनाना पड़ रहा है।
सेवइयां की मिठास और अच्छे समय की आस के साथ ईद की मुबारकबाद
ईद के चांद के दीदार की ख्वाहिश हर अकीदतमंद के मन में होती है। रविवार को चांद देखने की उत्सुकता जिले के हर धर्मावलंबी में दिखी। ईद-उल-फिर इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से उसके दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। ईद का मकसद रमजान के महीने में रोजा रखकर तन-मन को शुद्ध पवित्र करना है। मान्यता के अनुसार ईद के दिन मुकद्दस महीने में 30 दिन तक की गई इबादत का फल भी मिलता है।
कोरोनावायरस और लॉकडाउन ने बदल दिया त्योहार मनाने का तरीका
2020 का ईद-उल-फितर कई मायनों में अलग होगा। इस साल कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कई देशों ने लॉकडाउन लगाया है। इसके चलते लोग ईद की नमाज़ पढ़ने के लिए मस्जिद नहीं जा पाएंगे। न ही रिश्तेदारों के पास जाकर उन्हें गले लगकर त्याग के पवित्र त्योहार ईद की शुभकामनाएं दे पाएंगे। लोगों को घर पर रहकर ही त्योहार मनाना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा : जगह बदलेगी, जज़्बा नहीं
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, मैं जिंदगी में पहली बार नमाज़ घर पर पढ़ूंगा। हालांकि जगह बदलेगी पर इबादत का जज़्बा नहीं। वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए रमजान से जुड़े फर्ज भी हमें निभाने होंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए देश के सभी अकीदतमंद भी मेरी तरह घर पर ही नमाज़ पढ़ेंगे।