डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
लाॅकडाउन के दूसरे चरण में अधिकांश घरों में उत्तर रामायण और महाभारत में मुख्यपात्रों के साथ अनेक ऋषि-मुनियों के नामों से नई पीढ़ी परिचित हो रही है। इस समय हमें आकाश में सप्तऋषि तारामंडल के दर्शन का अवसर भी प्राप्त हो रहा है। इन ऋषियों का तारों में दर्शन कब और कैसे मिलेगा, डिंडौरीडॉटनेट के जरिए बता रही हैं नेशनल अवॉर्ड प्राप्त भोपाल की यंग साइंस कम्युनिकेटर सारिका घारू...
सारिका ने बताया, आप घर के आंगन या छत से सिर की उंचाई पर उत्तरी पूर्वी आकाश की ओर देखेंगे तो रात लगभग 9 बजे सप्तऋषि तारामंडल को आसानी से देख सकते हैं। चूंकि अभी आकाश में चंद्रमा नहीं है, इसलिए इन्हें अधिक चमक के साथ प्रश्नवाचक चिह्न (?) या आकाश में डोर के साथ उड़ती पतंग के रूप में देखा जा सकता है। जैसे-जैसे रात बीतेगी, यह पश्चिम दिशा की ओर बढ़ता जाएगा। अगर बादल बाधा न बने तो इसे लाॅकडाउन के दौरान हर शाम देखा जा सकेगा। यानि आप आज भी तारामंडलों का समूह देख सकते हैं। यह उत्तरी आकाश में सबसे बड़ा और सम्पूर्ण आकाश में तीसरा सबसे बड़ा तारामंडल है। इसमें चार तारे चौकोर और तीन तारे तिरछी रेखा के रूप में दिखते हैं। इस तारामंडल का नाम प्राचीन काल के सात ऋषियों के नाम पर किया गया है। यदि आगे के दो तारों को जोड़ने वाली रेखा को सीधे उत्तर दिशा में बढ़ाएं तो यह ध्रुव तारे पर पहंचती है। इससे ध्रुव तारे को पहचान कर उत्तर दिशा का ज्ञान किया जा सकता है। इस तारामंडल में लगभग 48 गैलेक्सी देखी जा चुकी हैं।पश्चिम खगोलविज्ञान में इसे उरसा मेजर या ग्रेट बियर या बिग बियर कहा जाता है।
धरती के उत्तरी गोलार्ध के आकाश में रात को दिखने वाला तारामंडल
सप्तर्षि तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हेमीस्फ़ेयर) के आकाश में रात्रि में दिखने वाला एक तारामंडल है। इसे फाल्गुन-चैत महीने से श्रावण-भाद्र महीने तक आकाश में सात तारों के समूह के रूप में देखा जा सकता है। इसमें चार तारे चौकोर और तीन तिरछी रेखा में रहते हैं। इन तारों के नाम प्राचीन काल के सात ऋषियों के नाम पर रखे गए हैं। ये क्रमशः क्रतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, अंगिरस, वशिष्ठ और मारीचि हैं। इसे एक पतंग का आकार भी माना जा सकता है, जो आकाश में डोर के साथ उड़ रही प्रती होती है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन 48 तारामंडलों की सूची बनाई थी। यह तारामंडल उनमें भी शामिल था।
- विभिन्न तारों की पृथ्वी से दूरी
तारे का नाम धरती से दूरी
- क्रतु 124 प्रकाश वर्ष
- पुलह 79 प्रकाश वर्ष
- पुलस्त्य 84 प्रकाश वर्ष
- अत्रि 81 प्रकाश वर्ष
- अंगिरस 81 प्रकाश वर्ष
- वशिष्ठ 78 प्रकाश वर्ष
- मारिचि 101 प्रकाश वर्ष
नोट : (1 प्रकाश वर्ष = 95 खरब (9.5 ट्रिलियन) किलोमीटर)