डीडीएन इनपुट डेस्क | रविवार को अक्षय तृतीया पर शायद लोगों की याद में ऐसा पहला अवसर होगा, जब न तो कोई बैंड बजेगा, न ही दूल्हा घोड़ी पर चढ़ेगा। न बाजार सजेगी, न ही कोई सराफा दुकान से सोना खरीद पाएगा। वैश्विक महामारी का कारण बने कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने को लागू लॉकडाउन के चलते रविवार को शादी विवाह और शुभ कार्य नहीं होने के कारण करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा। लेकिन मन को गुलजार रहने दें क्योंकि आज का दिन सर्वसिद्धि अबूझ मुहूर्त वाला है। मांगलिक कार्यों के लिये यह तिथि बहुत शुभ है। अक्षय तृतीया एक ऐसी सर्वसिद्धि देने वाली तिथि है, जिसमें किसी भी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा भी है। मान्यता है कि ऐसा करने से समृद्धि आती है। मान्यता यह भी है कि अपनी नेक कमाई में से कुछ न कुछ दान इस दिन जरूर करना चाहिए। हम सभी के पास लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद कर अक्षय तृतीया पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी 12 महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में मानी गई है। इसलिए अक्षय तृतीया पर अनसूझे विवाह-शादी बहुत होते हैं। अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी और वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है। इस बार लॉकडाउन के चलते विपरीत हालात हैं। शादी विवाह नहीं होने से बैंक्वेट हाल, बैंड बाजा, हलवाई, लेबर, डेकोरेशन, बैरे, फूल विक्रेता, जेनरेटर, टेंट, क्राॅकरी, घोड़ा-बग्गी, प्रिटिंग प्रेस, बस-कार सर्विस आदि प्रभावित हुए हैं। साथ ही किराना, सराफ, मोटर वाहन आदि का कारोबार भी लॉकडाउन की चपेट में आया है।