सबसे अनोखा भारत का संविधान... डॉ. अंबेडकर ने 2 साल 11 महीने, 18 दिन में तैयार किया था संविधान का फाइनल ड्राफ्ट

डीडीएन न्यूज डेस्क | 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान पारित और 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ। हमारा संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। आज भारतीय संविधान दिवस के मौके पर जानिए संविधान से जुड़ी वो बातें, जो हमारे संविधान को पूरी दुनिया से अलग और विशेष बनाती हैं। 




  • बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है। वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।

  • डॉ. अंबेडकर को संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।

  • देश का सर्वोच्‍च कानून हमारा संविधान 26 नवंबर, 1949 में अंगीकार किया गया।

  • संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपए आया था।

  • मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी।

  • संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों ने चुने थे। जवाहरलाल नेहरू, भीमराव अम्बेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि सभा के प्रमुख सदस्य थे।

  • 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक पद पर बने रहे।

  • संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता को मंत्रिपरिषद् होगी, जिसका प्रमुख पीएम होगा। 

  • 70 साल पहले भारतीय संविधान तैयार करने और स्वीकारने के बाद से इसमें 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं।

  • संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार को विस्तार से बताया गया है।

  • संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय हो।

  • केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है।

  • भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था।

  • ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने।

  • कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 में किया गया।

  • संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

  • हैदराबाद एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे।

  • संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। संविधान के कुछ अनुच्छेदों में से 15 अर्थात 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवंबर, 1949 को ही परिवर्तित कर दिया गया। शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।

  • समाजवादी शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया।






भारतीय संविधान के प्रमुख भाग...



  • भाग-1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 1 से 4

  • भाग-2 नागरिकता: अनुच्छेद 5 से 11

  • भाग-3 मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 12 से 35

  • भाग-4 नीति-निर्देशक तत्‍व: अनुच्छेद 36 से 51

  • भाग-4 (क) मूल कर्तव्‍य: अनुच्छेद 51 (क)

  • भाग-5 संघ: अनुच्छेद 52 से 151

  • भाग-6 राज्य: अनुच्छेद 152 से 237

  • भाग-8 संघ राज्य क्षेत्र: अनुच्छेद 239 से 242

  • भाग-11 संघ और राज्यों के बीच संबंध: अनुच्छेद 245 से 263

  • भाग-14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं: अनुच्छेद 308 से 323

  • भाग-15 निर्वाचन: अनुच्छेद 324 से 329

  • भाग-17 राजभाषा: अनुच्छेद 343 से 351

  • भाग-18 आपात उपबंध: अनुच्छेद 352 से 360

  • भाग-20 संविधान संशोधन: अनुच्छेद 368


भारतीय संविधान सभा से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य और जानकारी


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