डगोना... 'एक डग में लांघने वाला जलप्रपात', इसे मिनी भेड़ाघाट भी कहते हैं!

डीडीएन इनपुट डेस्क | अगर आपसे पूछा जाए- क्या दुनिया के किसी नेचुरल वॉटरफॉल को सिंगल जंप में पार किया जा सकता है? जवाब में आप कहेंगे- बिल्कुल नहीं! ...और अगर आपको वह जगह देखने को मिल जाए तो आप वहां से सारी जिंदगी के लिए तस्वीरें और वीडियो लेकर जरूर जाएंगे। साथ ही अपने परिचितों को भी उस रोचक स्थान के बारे में जरूर बताएंगे।


चौंकिए... क्योंकि यह चौंकने वाली ही बात है। डिंडौरी से करीब 55 किलोमीटर दूर ऐसा ही एक प्राकृतिक स्थान है डगोना। डगोना... यानि 'एक डग में लांघने वाला' (जिसे सिंगल जंप में पार किया जा सके)। डगोना, डग शब्द से बना है। यानि कदम। इसका अंग्रेजी में अर्थ है- 'Cross a river in a single jump.' यह बुढ़नेर नदी पर स्थित है और गौरा-कन्हारी गांव के बीच पड़ता है। वाॅटरफाॅल के चारों ओर साल के घने और मनोहारी जंगल हैं। इसकी भौगोलिक संरचना के कारण इसे मिनी भेड़ाघाट भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि जैसे बड़े मौकों पर यहां मेले लगते हैं। आम दिनों में भी काफी संख्या में पर्यटक डगोना फॉल का आनंद लेने आते हैं।



पानी के तेज बहाव के कारण पत्थरों के बीच बन गई डगभर संरचना


डगोना फाॅल में बुढ़नेर नदी का पानी बहुत तेज गति से बहता है। तेज बहाव के कारण पहाड़ी की मिट्टी और चट्टानों का कटाव होता रहता है। इससे काफी गहरी और डगभर संकरी संरचना बन गई है। इस स्थान से बुढ़नेर नदी पूरी तरह नाली रूपी संरचना से ही आगे की ओर बहती है। यहां कुछ स्थानों पर गहराई बहुत ज्यादा होने से नदी कई बार भयावह दिखाई देने लगती है। इसी संरचना में कुछ छोटे-छोटे और खूबसूरत झरने नजर आते हैं। कुछ स्थानों पर नदी का पानी एकदम शून्य दिखाई देता है।



ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं, पास में बूढ़ी माई का मंदिर स्थित है


वाॅटरफाॅल के पास में बूढ़ी माई का मंदिर भी है। मंदिर में काफी लोग पूजा-पाठ और दर्शन करने आते हैं। इस स्थान के आसपास ठहरने की कोई खास व्यवस्था नहीं है। हॉस्पिटैलिटी और एकॉमन्डेशन के लिए आपको डिंडौरी ही आना पड़ेगा। वाॅटरफाॅल के पास गोरा-कन्हारी गांव में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का रेस्ट हाउस है। यहां सिर्फ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के ही रुकने की व्यवस्था है।


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